राजभाषा पखवाड़ा समापन समारोह आयोजित

उत्कृष्ट कार्य करने वाले रेल कर्मी सम्मानित




प्रयागराज। रेल गाँव स्थित स्‍पंदन अधिकारी क्‍लब में अपर महाप्रबंधक अरुण मलिक ने माँ सरस्‍वती की प्रतिमा पर माल्‍यार्पण कर तथा दीप प्रज्‍ज्‍वलित कर उत्‍तर मध्‍य रेलवे में राजभाषा पखवाड़े के उपलक्ष्‍य में आयोजित मुख्‍य समारोह का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों से  मलिक ने कहा कि उत्‍तर मध्‍य रेलवे का संपूर्ण कार्यक्षेत्र साहित्‍य और संस्‍कृति की समृद्ध विरासत का गढ़ रहा है। यह क्षेत्र सुविख्‍यात हिंदी साहित्‍यकारों की जन्मस्‍थली अथवा कर्मस्‍थली रही है और इस क्षेत्र में हिंदी समृद्ध और परिष्कृत हुई है। प्रयागराज को साहित्‍य एवं संस्‍कृति की राजधानी भी कहा जाता है। ऐसी महान कर्मभूमि से जुड़ने का सुअवसर हमें प्राप्‍त हुआ है। उन्‍होंने कहा कि हिंदी केवल एक भाषा ही नहीं है, बल्कि राष्‍ट्रीय पहचान एवं आत्‍मसम्‍मान की परिभाषा है। राजभाषा के प्रयोग-प्रसार के लिए रूटीन कार्यों के अतिरिक्‍त मौलिक एवं अभिनव प्रयास भी आज समय की सबसे बड़ी आवश्‍यकता है, ताकि एक नई ऊर्जा के साथ हम अपने सरकारी कार्यों में हिंदी के प्रयोग को गति प्रदान कर सकें।


मलिक ने कहा कि ग्राहकों की सेवा हमारा मुख्‍य दायित्‍व है। स्‍टेशनों पर हिंदी के प्रयोग से यात्रियों के प्रति हमारे सामाजिक दायित्‍व की पूर्ति के साथ ही हमारा व्‍यावसायिक पक्ष भी मजबूत होगा। हिंदी देशवासियों के आपसी मेल–जोल से बढ़ी है और विभिन्न भारतीय भाषाओं के साथ इसके एक समन्वित स्वरूप की परिकल्पना की गई है। प्रयागराज में आयोजित दिव्‍य एवं भव्‍य कुंभ पर्व का उल्‍लेख करते हुए  मलिक ने कहा कि इस अवसर पर विभिन्‍न प्रांतों से आने वाले हिंदीतर भाषी यात्रियों की सुविधा के लिए यात्री सेवा एवं सुविधा से संबंधित आवश्‍यक सूचनाएं हिंदी और अंग्रेजी के अतिरिक्‍त विभिन्‍न भारतीय भाषाओं में भी प्रसारित की गईं। ऐसे कदमों से विविधता में एकता की भावना मजबूत होती है।


इस अवसर पर मुख्‍य राजभाषा अधिकारी अमिताभ ओझा ने कहा कि उत्‍तर मध्‍य रेलवे में राजभाषा हिंदी के प्रयोग-प्रसार बढ़ाने के लिए अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं जिसके परिणामस्‍वरूप अधिकारियों और कर्मचारियों को विभिन्‍न स्‍तरों पर विशिष्‍ट पुरस्‍कार प्राप्‍त हुए हैं ओझा ने उत्‍तर मध्‍य रेलवे में राजभाषा की प्रगति के लिए किए जा रहे विभिन्‍न कार्यों के बारे में जानकारी दी।


कार्यक्रम में मुख्‍यालय के विभागों सहित मंडलों और कारखानों की भव्‍य राजभाषा प्रदर्शनी लगाई गई। इस अवसर पर आयोजित कवि सम्‍मेलन में विभिन्‍न अंचलों से पधारे कवियों ने अपने सरस काव्‍य पाठ से श्रोताओं का मन मोह लिया। कवि सम्‍मेलन में  के.के.सिंह मयंक,  भूषण त्‍यागी, फरमूद इलाहाबादी और  उदय भान पाण्‍डेय 'भान' ने काव्‍य पाठ किया। राजभाषा प्रदर्शनी में मंडलों और कारखानों में झांसी मंडल तथा विभागों में बिजली विभाग को सर्वोत्‍कृष्‍ट प्रदर्शनी की शील्‍ड प्रदान की गई तथा विभागों में सुरक्षा  विभाग को द्वितीय पुरस्‍कार एवं कार्मिक विभाग को तृतीय पुरस्‍कार की ट्राफी प्रदान की गईै। सिगनल एवं दूर संचार विभाग को प्रदर्शनी का विशिष्‍ट पुरस्‍कार दिया गया। इसके अतिरिक्‍त प्रतियोगिताओं के विजेता और हिंदी में उत्‍कृष्‍ट कार्य करने वाले 77 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी पुरस्‍कार प्रदान किया गया। कार्यक्रम में रेलमंत्री राजभाषा रजत पदक से सम्‍मानित मुख्‍य बिजली लोको इंजीनियर  अनुपम सिंहल और अखिल रेल प्रतियोगिताओं में पुरस्‍कृत कर्मचारियों को भी सम्‍मानित किया गया। इस अवसर पर सभी प्रमुख विभागाध्‍यक्षों सहित बड़ी संख्‍या में अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन  चन्‍द्र भूषण पाण्‍डेय, वरिष्‍ठ राजभाषा अधिकारी ने किया तथा उप मुख्‍य राजभाषा अधिकारी शैलेन्‍द्र कुमार सिंह द्वारा आभार प्रकट किया गया।