आगरा - लखनऊ एक्सप्रेस - वे पर फास्ट टैग के जरिये टोल कलेक्शन का कार्य पिछले कुछ महीनों पहले ही हो चुका है शुरू
लखनऊ/नई दिल्ली : सोमवार को नई दिल्ली के डा . अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस अभियान का लांच किया और राज्य सरकारों से अनुरोध किया कि यातायात को सुगम , सुरक्षित और सस्ता बनाने के लिए इस अभियान को अपने राज्यों में लागू करें । हालांकि , उत्तर प्रदेश पहले से ही आगरा - लखनऊ एक्सप्रेस - वे पर टोल कलेक्शन को डिजिटल कर चुका है। UPEIDA के सीईओ एवं अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने NHAI के साथ हुए करार के बाद राज्य में आगे बनने वाले एक्सप्रेस - वे जैसे पूर्वांचल , बुंदेलखंड और गोरखपुर - आजमगढ़ लिंक वे पर शुरू से ही फास्ट टैग काम करेगा । गडकरी ने बाकी राज्यों को भी जल्द से जल्द इस अभियान को लागू करने के लिए कहा । उन्होंने बताया कि फास्ट टैग को जीएसटी से भी कनेक्ट कर दिया गया है और लोग इस टैग में अपने बैंक खाते से सीधे पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं । उन्होंने बताया कि विकसित देशों में जहां लॉजिस्टिक्स का खर्च 6 से 7 प्रतिशत है वहीं भारत में यह खर्च 14 प्रतिशत तक है जिसकी वजह से भारत का विदेशी बाजारों में निर्यात पर प्रतिकूल असर पड़ता है । बेहतर सड़कें और हाई स्पीड सुनिश्चित कर भारत अधिक विदेशी मुद्रा कमा सकता है । UPEIDA के वित्त सलाहकार के . के . गुप्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश पहले ही आगरा - लखनऊ एक्सप्रेस - वे पर टोल कलेक्शन को डिजिटल कर चुका है । आज हुए करार की वजह से आने वाले प्रोजेक्ट्स में भी यह सुविधा उपलब्ध होगी । इससे यातायात को कई फायदे होंगे । गाड़ियों को अनावश्यक रूप से टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ेगा , जिससे ईंधन की व्यर्थ बर्बादी नहीं होगी और लोग यदि अपने गंतव्य तक कम समय में पहुंचेंगे तो उनकी क्षमता का बेहतर उपयोग हो सकेगा । आज के कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री वी . के सिंह , सचिव सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय संजीव रंजन , NHAI चेयरमैन एन . एन सिन्हा और विभिन्न राज्यों के परिवहन मंत्री एवं अधिकारी भी उपस्थित थे ।