लखनऊ ।
प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग नितिन रमेश गोकर्ण ने सेतु निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्धारित समयसीमा के अन्दर पुलों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जाय। प्रमुख सचिव ने निर्देश दिये कि सेतु निगम में अभियन्ताओं के खाली पदों को भरने के लिए नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करते हुए अवगत कराया जाय। सेतु निगम में कुछ नये उपकरण व मशीन खरीदने के प्रस्ताव का बैठक में अनुमोदन प्रदान किया गया। नितिन रमेश गोकर्ण आज जनपथ (सचिवालय) में आयोजित सेतु निगम के निदेशक मण्डल की 178वीं बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
लो0नि0वि0 की लखनऊ में खाली जमीन पर सेतु निगम की कास्टिंग यार्ड बनाये जाने के प्रस्ताव पर प्रमुख सचिव ने निर्देश दिये कि लो0नि0वि0 के विभागाध्यक्ष व एम0डी0 सेतु निगम आपस में तय करके एक सप्ताह के अन्दर रिपोर्ट दें। प्रबंध निदेशक उ0प्र0 सेतु निगम ने बताया कि कास्टिंग यार्ड बनाये जाने से सुपर स्ट्रक्चर में अधिक समय लेने वाली स्ट्रक्चर बीम आदि को पूर्व से ही नियोजित करके सेतुओं पर लांचिंग किया जा सके। सेगमेन्ट स्ट्रक्चर से सेतुओं के निर्माण में समय की बचत होगी एवं गुणवत्ता उच्च स्तर की सुनिश्चित की जा सकेगी। इसी प्रकार शटरिंग सेन्टरिंग के ढुलाई एवं रख-रखाव हेतु किये गये व्ययों में कमी आयेगी। सेतु के निर्माण की अवधि में भी कमी हो जाने से सेतुओं के निर्माण में होने वाले स्थाई व्ययों में कुछ कमी आयेगी तथा इस व्यवस्था के द्वारा वृहद प्री कास्ट स्ट्रक्चर निर्माण से उच्च स्तरीय गुणवत्ता मानकों के अनुसार निर्माण कार्य कराये जा सकेंगे। कास्टिंग यार्ड की स्थापना से लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माण किये जा रहे पुलिया आदि के कुछ स्ट्रक्चर की भी कास्टिंग यार्ड में प्री कास्टिंग की जा सकेगी जिससे लोक निर्माण विभाग द्वारा किये जाने वाले कार्यों में लगने वाले समय में बचत के साथ-साथ गुणवत्ता भी बढ़ेगी।
कटियार ने बताया कि 211 पुलों का निर्माण कार्य चल रहा है। जिसमें 10 पुल कम्पलीट हो गये हैं और 03 पुल इस महीने में पूरे हो जायेंगे। कार्य पूरी गति के साथ कराये जा रहे हैं। हर सम्भव प्रयास होगा कि निर्धारित टाइम लाइन के अन्दर कार्य पूरे हो जाएं। उन्होंने बताया कि सेतु निगम के पास बहुत अच्छी मशीने हैं। कुछ नई मशीन व उपकरण खरीदने के प्रस्ताव पर बैठक में अनुमोदन प्रदान किया गया। प्रमुख सचिव ने कहा कि पुलों के निर्माण में सेफ्टी के प्रापर इन्तजाम किये जाएं। सेफ्टी के लिए कुछ अलग से धनराशि की व्यवस्था किये जाने के प्रस्ताव पर निर्देश दिये गये कि नियमानुसार इस हेतु आगणन में व्यवस्था की जाय।
प्रमुख सचिव ने निर्देश दिये कि आॅडिट के कार्य में शिथिलता न बरती जाय सेतु व आर0ओ0बी0 निर्माण के समय बनाये जाने वाली सर्विस रोड की मरम्मत कराये जाने के बारे में विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि सेतु निगम में जो जांचें लम्बित हैं, उन्हें शीघ्र पूरा कराया जाय। साथ ही यह भी निर्देश दिये कि जो पुनरीक्षित आगणन भेजे जाने हेतु लम्बित हैं वह शासन में तत्काल भेजे जाएं। बैठक में सेतु निगम के व्यय विवरण की भी जानकारी उन्होंने हासिल की।
बैठक में सेतु निगम के लेखों के आॅडिट करने के लिए भारत के नियन्त्रक एवं महालेखा- परीक्षक द्वारा लेखों के संवैधानिक सम्प्रेक्षण हेतु सम्प्रेक्षकों की नियुक्ति की फीस का अनुमोदन प्रदान किया गया। तथा निगम के वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट अनुमोदित किया गया जिसमें निगम का वित्तीय वर्ष 2019-20 का टर्न ओवर 2620 करोड़ रु0 प्रस्तावित किया गया तथा जिसके आधार पर समस्त व्ययों को घटाने के पश्चात् निगम का लाभ आयकर के पूर्व में 78.50 करोड़ रु0 और आयकर भुगतान के बाद 50.94 करोड़ रु0 का लाभ अनुमानित किया गया है।
बैठक में प्रबंध निदेशक उ0प्र0 सेतु निगम पी0के0 कटियार, उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक यू0के0 गहलौत, वित्त नियंत्रक सेतु निगम ए0के0 दीक्षित, सार्वजनिक उद्यम विभाग से एस0के0 सिंह के अलावा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।