इंदौर।
मैं कांग्रेस के लोगों से पूछना चाहता हॅू कि यह लोग भारत में नहीं आएंगे तो किस देश में इन्हें नागरिकता मिलेगी? काल और परिस्थितियों ने इन्हें दूसरे देश में पहुंचा दिया लेकिन ये हैं तो भारत मां के बेटे और बेटियां ही। सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी ने भी विभाजन के बाद कहा था कि पाकिस्तान में प्रताड़ना झेल रहे लोग अगर भारत आना चाहें, तो उसके दरवाजे खुले हुए हैं।
रविवार को पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा नेइंदौर में सीएए के संबंध में आयोजित सिंधी, सिख सहित अन्य समाजों के सम्मेलन में कहा कि देश में पिछले 50 सालों से नागरिकता संशोधन कानून की चर्चा होती रही, लेकिन कानून नहीं बन सका। इसे साकार किया मोदी की इच्छाशक्ति और अमित शाह की रणनीति ने। उन्होंने कहा कि इस कानून के पीछे इच्छाशक्ति भले ही मोदी की है, लेकिन उन्हें ये ताकत आपने दी है। नड्डा ने कहा कि मई के महीने में आपने मोदी जी को कमल का बटन दबाकर ताकत दी और अगस्त में कश्मीर से 370 हट गई, जिसके बारे में सिर्फ चर्चाएं होती थीं। मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक से मुक्ति मिल गई। अब नागरिकता संशोधन कानून बना है, जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंग्लादेश में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित हो रहे हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध, पारसी आदि धर्मों के लोगों को भारत में सम्मान से जीने का हक देता है।
आयोजन में प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि इस आयोजन में बड़ी संख्या में वह लोग हैं जिन्होंने भीषण प्रताड़नाएं झेली हैं। हम कैसे भूल सकते हैं 1947 के उन दंगों को जब लाशों से भरी रेलगाड़ियां आती थीं, बहू-बेटियां छीन लीं जाती थीं। इन लोगों ने अनेक प्रताड़नाएं सहीं लेकिन अपने संस्कारों की चादर नहीं छोड़ी और उसी को ओढ़कर भारत आए। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस के लोगों से पूछना चाहता हॅू कि यह लोग भारत में नहीं आएंगे तो किस देश में इन्हें नागरिकता मिलेगी? काल और परिस्थितियों ने इन्हें दूसरे देश में पहुंचा दिया लेकिन ये हैं तो भारत मां के बेटे और बेटियां ही। सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी ने भी विभाजन के बाद कहा था कि पाकिस्तान में प्रताड़ना झेल रहे लोग अगर भारत आना चाहें, तो उसके दरवाजे खुले हुए हैं। कांग्रेस गांधी जी का नाम लेकर सत्ता तो प्राप्त करती रही, लेकिन उनकी बातों को भुला दिया। उन्होंने कहा कि देश आभारी है नरेंद्र मोदी, अमित शाह, नड्डा का जिन्होंने धार्मिक आधार पर प्रताड़ित लोगों को भारत की नागरिकता देने का निर्णय लिया। लेकिन इस निर्णय से कांग्रेस को तकलीफ हो गई। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ कहते हैं कि इस कानून को मध्यप्रदेश में लागू नहीं करेंगे। इस कानून के विरोध में यात्राएं निकालेंगे। सिंह ने कहा कि पाकिस्तान से आए लोगों ने जो व्यथ सुनाई है, उसे सुनकर भी अगर मुख्यमंत्री कमलनाथ की आंख में आंसू नहीं आते, तो धिक्कार है आपको। इस अवसर पर उपस्थित जनसमुदाय को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव , सांसद शंकर लालवानी एवं राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय मौजूद रहे।