भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराजसिंह चौहान ने विधानसभा में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार में गरीब परेशान है, किसान परेशान है, युवा परेशान है। सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाएं बंद कर रखी है। मातृत्व के 16 हजार रूपए बंद कर दिए। एक्सीडेंट में मृत लोगों के परिवार को 4 लाख रूपए नहीं दिए जा रहे है। कफन के 5 हजार रूपए गरीबों से छीन लिए। बेरोजगारी भत्ता एक भी बेरोजगार युवक को आज तक नहीं मिला है। सरकार के खिलाफ गांधीवादी तरीके से प्रोटेस्ट करने पर भी हदें पार कर दी है। अतिथि विद्वान छिंदवाडा में प्रोटेस्ट करने पहुंचे थे तो उन्हें वहां से उठाकर पिपरिया के जंगलों में देर रात छोड दिया। अतिथि विद्वानों को ठंड में पैदल चलकर भोपाल आना पडा। 16 दिनों से भोपाल में खुले आसमान के नीचे ठंड में गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन कर रहे है। महिलाए मुंडन कराकर सरकार का ध्यान आकर्षित कर रही है लेकिन सरकार अतिथि विद्वानों की नियुक्ति को लेकर गंभीर नहीं है। मंत्री ही अपने बयानों को कई बार बदल चुके है। सरकार बताए की अतिथि विद्वानों का नियमितिकरण करेंगे या नहीं ? शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। तबादला माफिया खुलकर खेल रहे है। वल्लभ भवन दलालों का अड्डा बन गया है। प्रदेश की एक ईमानदार अफसर आईएएस एसोसिएशन की अध्यक्ष गौरी सिंह को भ्रष्टाचार की भेंट चढा दिया गया। उन्हें मजबूरन इस्तीफा देना पडा है। कारण क्या है सरकार बताए ? पोषण आहार की व्यवस्था हमारी सरकार ने बनाई थी। महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रूप के द्वारा पोषण आहार की तैयार करने की व्यवस्था हमने की थी। इसमें ठेकेदारों को दूर रखा गया था। हमारी सरकार ने इसके लिए सात प्लांट तैयार किए लेकिन भ्रष्ट कांग्रेस सरकार ने फैसला ले लिया कि अब पोषण आहार एमपी एग्रो के द्वारा तैयार किया जायेगा। एमपी एग्रो के द्वारा अब इसमें ठेकेदारों को एंट्री मिलेगी। ठेकेदारों के माध्यम से दलाली होगी। गौरी सिंह ने एमपी एग्रो द्वारा पोषण आहार तैयार करने में ठेकेदारो की एंट्री पर बैन लगा दिया जिसका खामियाजा उन्हें इस्तीफा देकर उठाना पडा है। जनता जानना चाहती है कि गौरी सिंह का ट्रांसफर क्यों किया गया और उन्होंने इस्तीफा किस दबाव में दिया है। चारों तरफ भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिखाई दे रहा यह स्थिति प्रदेश के लिए हानिकारक है। इसलिए आज हमने तय किया कि ऐसी कार्यवाही का कोई अर्थ नहीं और हमने विधानसभा में जमकर विरोध प्रकट किया है. शिवराजसिंह चौहान ने सीएए पर कहा कि सरकार प्रदेश को अशांत बना रही है। कौन खुलेआम भीड इकठ्ठी कर रहा है यह दिखाई दे रहा है। सत्ता पक्ष के एमएलए खुलेआम लोगों को भडका रहे है। मुख्यमंत्री इनको प्रोत्साहन दे रहे है। क्या सरकार मध्यप्रदेश को भी हिंसा की आग में झोकना चाहती है ? ऐसी गैर जिम्मेदार सरकार हमने आज तक नहीं देखी। हम इस सरकार के खिलाफ सदन से लेकर सडक तक प्रोटेस्ट करेंगे। शिवराजसिंह चौहान ने छिंदवाडा जिले में पदस्थ सहायक भू अभिलेख अधिकारी के द्वारा आत्महत्या करने पर कहा कि ईमानदार अफसर प्रताडित किए जा रहे है। कलेक्टर दबाव बनाकर अधिकारी के भू अभिलेख अधिकारी पर फर्जी नियुक्ति करने का दबाव बना रहे थे। उन्होंने मना किया तो उनका तबादला किया गया, सस्पेंड किया गया। मजबूरन उन्होंने अपनी देहलीला ही समाप्त कर ली। सरकार में दम है तो पोषण आहार माफिया के खिलाफ कार्यवाही करे, दारू माफिया के खिलाफ, रेत माफिया के खिलाफ, तबादला माफिया के खिला व परिवहन माफिया के खिलाफ कार्यवाही करे।
दलालों का अड्डा बन गया है वल्लभ भवन - शिवराजसिंह