(चित्र में पुलिस की गिरफ्त में आये सभी उपद्रवी पश्चिम बंगाल के मालदा के हैं।)
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नागरिक कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन करने अब तक 15 मौत हो चुकी है। प्रदेश भर में अब तक 10 हज़ार से ज्यादा एफआईआर दर्ज किया जा चुका है। यूपी पुलिस ने अब तक 600 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। लखनऊ में 200, प्रयागराज में 150, गाजियाबाद में 3605 प्राथमिक दर्ज हुई। मेरठ में चार , फिरोजाबाद में दो मौत बिजनौर में दो, कानपुर में दो, संभल में दो , रामपुर में एक, लखनऊ में एक मुजफ्फरनगर में एक की मौत हुई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक उपद्रवी पश्चिम बंगाल से बुलाए गए थे। गिरफ्तार लोगों में आधा दर्जन से ज्यादा पश्चिम बंगाल के मालदा के रहने वाले हैं।आईजी कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया कि लखनऊ में अब तक 200 से ज्यादा गिरफ्तारी 300 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। खुफिया अधिकारियों ने बताया कि ढेरों प्रदर्शनकारी लखनऊ छोड़कर भाग चुके हैं, उपद्रवियों की समाचार चैनलों, फोटोग्राफरों की फोटो और सीसीटीवी फुटेज के साथ रोडवेज, रेलवे स्टेशनों व हवाई अड्डों पर तलाशा जा रहा है। इस बीच लखनऊ में एक चिन्हित उपद्रवी को पकड़ने गयी पुलिस और हमला कर वापस कर दिया गया। चिन्हित उपद्रवियों को नोटिस भेज कर बुलाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का पालन करते हुए सरकार हर हाल में तोड़-फोड़, आगजनी में बर्बाद हुए संपत्ति की भरपाई उपद्रवियों की संपत्ति कुर्क करके करेगी। जिन्होंने लखनऊ की सभ्यता को तार-तार किया है उन्हीं में से पकड़े गये आधा दर्जन से अधिक उपद्रवियों के तार बंगाल से जुड़ रहे हैंं। उपद्रवियों से बरामद फोन में सबूत मिले हैं। उपद्रवियों के फोन में पुलिस को बांग्ला से आये एसएमएस संदेश मिले हैं। राज्य केे अंदर पहली बार हिंसा फैलाने बाहर के लोग आये थे। मेरठ में इलाज के दौरान मरने वाला एक उपद्रवी व उसको हॉस्पिटल तक पहुंचाने वाले व्यक्ति का दर्ज पता दिल्ली का है। लखनऊ के हिंसा में अलीगढ़, बहराइच, बाराबंकी, गोंडा के लोगों के शामिल होने की पुष्टि हुई है। हिंसा के दौरान उपद्रवियों की भीड़ में लोग बांग्ला में बात कर रहे थे। इस बीच खबर आयी है कि रविवार को ममता बनर्जी की ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के सांसदों की एक टीम लखनऊ में नागरिक कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के परिवार से मुलाक़ात करेगी।