तत्काल टिकट की रंगीन फोटो कॉपी के साथ पकड़े गए 6 लोग

 

      लखनऊ: जिस तरह भारतीय रेल कमाई बढ़ाने  के नए नए तरीके अपना रही है उसी तरह जालसाज भी रेलवे को चूना लगाने को नए नए तरीके इजाद  कर रहे हैं। दिनांक 22 नवम्बर 2019 को गाड़ी स0 19038 के थर्ड एसी कोच में चल टिकट परीक्षक ने टिकट जाॅच के दौरान छः यात्रियों के समूह जो कि पीआरएस से जारी तीन-तीन आदमी के लिए दो तत्काल टिकटों की रंगीन फोटो कापी पर बस्ती से बोइसर स्टेशन तक की यात्रा करते हुए पकड़ा।  इस प्रकरण में यात्रियों से जानकारी ली गयी तो आश्चर्यजक तथ्य सामने आये। यात्री ने बताया कि बस्ती के एक व्यक्ति ने कन्फर्म टिकट दिलाने के नाम पर यह टिकट दिया है। इन यात्रियों से रेल अधिनियम धारा 137 के तहत बिना टिकट चार्ज करते हुए रू0 12840/- के रेल राजस्व की वसूली की गयी।

मामला संज्ञान में आते ही मंडल रेल प्रबंधक डाॅ0 मोनिका अग्निहोत्री के आदेश पर  वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबन्धक अम्बर प्रताप सिंह ने सहायक वाणिज्य प्रबन्धक(प्रथम) राजेश श्रीवास्तव को मामले की जाॅच सौपी। जिसके बाद एक एण्टीफ्राड टीम का गठन कर फर्जी टिकट की जाॅच के लिए पूर्व रेलवे के मालदा मंड़ल से समन्वय स्थापित कर बड़हरवा एवं राजमहल स्टेशन के पीआरएस काउंटर पर भेजकर तत्काल जाॅच कराई गयी। जाॅच में यह पाया गया कि जिन टिकटों की यह रंगीन फोटो कापी थी, उसमें से एक टिकट बड़हरवा स्टेशन तथा दूसरा टिकट राजमहल स्टेशन से दिनांक 21 नवम्बर 2019 को लगभग 10ः00 जारी हुआ था तथा वहाॅ से बस्ती तक दिनांक 22 नवम्बर 2019 (यात्रा तिथि) को गाड़ी सं0 19038 से यात्रा करने के लिए बस्ती स्टेशन पर पहुॅचना नामुमकिन था। इस प्रकार के क्रिया-कलापों में टिकट दलालों के नये प्रकार के नेटवर्क के कार्य करने की दूषित कार्यप्रणाली (मोड्स अपरेन्डी) स्पष्ट होती है। केस में अनाधिकृत रुप से रेल टिकटो के अवैध विक्रय  करने की मंशा भी स्पष्ट होती है, जो कि रेल अधिनियम की धारा 143 के अनुसार अवैध है। इस प्रकरण के बाद सभी चल टिकट परीक्षकों को टिकट जांच करते समय जागरुक रहने के निर्देश जारी कर दिये गये हैं तथा आगे की जांच की जा रही है। रेल यात्रियांे से यह अपील की जाती है कि यात्रा टिकटों को रेलवे द्वारा अधिकृत टिकट काउंटरों से ही क्रय किया जाये तथा अनाधिकृत रूप से टिकट बेचने वालों व दलालों के बहकावें में न आये।