भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने प्रदेश के रतलाम और शिवपुरी जिलों में बड़ी संख्या में हुई नवजात शिशुओं की मौतों पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि इतनी बड़ी संख्या में नवजात शिशुओं की मौतें मुख्यमंत्री, उनके मंत्रियों, अफसरों और डॉक्टरों की असंवेदनशीलता का परिणाम है। प्रदेश अध्यक्ष ने सवाल किया कि माफिया के खिलाफ युद्ध के नाम पर अपने राजनीतिक विरोधियों को चुन-चुनकर ठिकाने लगाने वाले मुख्यमंत्री कमलनाथ क्या प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के खिलाफ भी युद्ध छेड़ेंगे, जो अब जानलेवा बनती जा रही है? क्या वे ऐसा ही युद्ध अपने असंवेदनशील डॉक्टरों, अफसरों और मंत्रियों के खिलाफ भी छेड़ेंगे, जिनके लिये किसी की मौत हो जाना सामान्य सी घटना है? राकेश सिंह ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद से पिछले एक वर्ष में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं बदतर हो गई हैं। ना तो गरीबों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है और ना ही सरकारी अस्पतालों में उनके उपचार की पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं। कहीं दवाएं नहीं हैं, कहीं डॉक्टर नहीं है और कहीं स्टाफ की लापरवाही जानलेवा साबित हो रही है। सिंह ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को कितना महत्व देती हैं, इसका अंदाज स्वास्थ्य मंत्री के उस वक्तव्य से लगाया जा सकता है, जिसमें उन्होंने रतलाम में हुई मौतों के प्रति अनभिज्ञता जताई है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पिछले एक साल में कांग्रेस की इस सरकार ने जनता का ध्यान बंटाने के लिए नए-नए तमाशों के अलावा कुछ नहीं किया। मुख्यमंत्री कमलनाथ जहां अपनी सरकार को बचाने और अलग-अलग गुटों को साधने में व्यस्त रहते हैं, वहीं उनके मंत्री तबादला उद्योग के हिसाब-किताब और रेत तथा शराब माफियाओं के संरक्षण में लगे रहते हैं। प्रदेश की जनता की परेशानियों की तरफ ना तो मुख्यमंत्री ध्यान दे रहे हैं और ना ही उनके मंत्री।
पीड़ित परिवारों की भी सुध लें प्रियंका गांधी
राकेश सिंह ने कहा कि कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी देश में हिंसा फैलाने वालों, पथराव करने वालों, सरकारी संपत्ति को आग के हवाले करने वाले उत्पातियों के घरों में जा रही हैं, उनके परिजनों से कुशलक्षेम पूछ रहीं हैं। क्या प्रियंका गांधी को उन्हीं की पार्टी के राजस्थान और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री यह जानकारी नहीं दे रहे हैं कि कोटा में 36 दिनों में 110 बच्चों, रतलाम जिला अस्पताल के एसएनसीयू में 40 दिनों में 61 नवजातों और शिवपुरी में तीन महीनों में 63 नवजातों की मौतें हो चुकी हैं? अगर उन्हें इसकी जानकारी है, तो प्रियंका जी या कांग्रेस के किसी अन्य नेता ने अब तक पीड़ित परिवारों की सुध लेने की जरूरत क्यों नहीं समझी? उन्होंने कहा कि सीएए के विरोध में लोगों को भड़काने के लिए दिन रात उत्तरप्रदेश के चक्कर काट रहीं प्रियंका जी के पास कोटा, रतलाम या शिवपुरी जाने का समय नहीं है?