भोपाल। नागरिकता संशोधन कानून को देश की संसद ने पास किया है। लोकसभा और राज्यसभा दोनों की मंजूरी के बाद यह कानून आस्तित्व में आया है और संविधान का हिस्सा बना है। लेकिन इस संवैधानिक कानून का विरोध करके प्रदेश की कमलनाथ सरकार सिर्फ अपने वोटबैंक को खुश करने के लिए संविधान का अपमान कर रही है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने राज्य मंत्रिमंडल द्वारा सीएए के विरोध में संकल्प पारित किए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कही। राकेश सिंह ने कहा कि नागरिकता केंद्र सरकार का विषय है, जिससे किसी भी राज्य सरकार को कोई लेना देना नहीं है। जब इसी नागरिकता के संबंध में लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीके से चुनी गई नरेंद्र मोदी की सरकार कोई कानून बनाती है, तो प्रदेश की कांग्रेस सरकार उसके विरोध में संकल्प पारित कर रही है। सिंह ने कहा कि प्रदेश की जनता यह जानना चाहती है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनकी सरकार को नागरिकता संशोधन कानून जैसे विषय पर संकल्प पारित करने या उसका विरोध करने का अधिकार किसने दिया? सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके सहयोगी मंत्रियों को यह याद रखना चाहिए कि यह संकल्प पारित करके उन्होंने संविधान रूपी उसी डाल पर प्रहार किया है, जिस पर वे बैठे हुए हैं, जिसकी ताकत से वे आज सत्ता में हैं और जिसकी शपथ लेकर मंत्री या मुख्यमंत्री बने हैं।
दंगे भड़काना चाहती है कांग्रेस - राकेश सिंह
सिंह ने कहा कि पूरा देश जानता है कि कांग्रेस पार्टी और उसकी सरकारों के लिये अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण ही राजनीति का आधार रहा है। लेकिन अपने वोटबैंक को खुश करने के फेर में कांग्रेस पार्टी और उसकी सरकारें उन अमावनीय अत्याचारों को झुठला रही हैं, जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए उन देशों के धार्मिक अल्पसंख्यकों को झेलना पड़े हैं। उन्होंने कहा कि वोटबैंक को खुश करने के मोह में ही कमलनाथ सरकार सीएए के विरोधियों को तो पुचकार रही है, लेकिन भारतमाता की जय के उद्घोष के साथ इस कानून का समर्थन करने वालों को अपने अधिकारियों से पिटवा रही है।