लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य मंत्रियों को कहा कि प्रत्येक राज्य मंत्री अपने प्रभार वाले जनपद में कोरोना फ्लू से बचाव व उपचार के प्रबन्ध तथा अतिवृष्टि व ओलावृष्टि से हुए नुकसान व राहत वितरण की समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री ने राज्य मंत्रियों को निर्देश दिए कि अतिवृष्टि व ओलावृष्टि से हुई जनहानि, पशुहानि, क्षतिग्रस्त मकानों व फसल को हुए नुकसान की समीक्षा करें तथा प्रभावितों को मुआवजा दिलाएं।
यह भी सुनिश्चित किया जाए कि अस्पतालों में प्रशिक्षित डाॅक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ तथा जांच हेतु कोरोना वायरस का सैम्पल लेने की किट की व्यवस्था अवश्य हो। सरकारी और निजी मेडिकल काॅलेजों में 448 बेड आइसोलेशन वार्ड के रूप में सुरक्षित किये गये हैं। सभी 75 जनपदों के जिला चिकित्सालयों में 820 बेड की व्यवस्था आइसोलेशन वार्ड के तहत की गयी है। इस तरह प्रदेश में अब तक 1268 बेड के आइसोलेटेड वार्ड की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है।लोगों को कोरोना फ्लू के प्रति जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना एक संक्रामक बीमारी है। बचाव ही इसका उपचार है। सावधानी बरत कर ही इस बीमारी से बचा जा सकता है। मुख्यमंत्री आरोग्य मेले के माध्यम से कोरोना के प्रति जागरूकता सृजित की जाए। राज्य मंत्रीगण बेसिक, माध्यमिक, उच्च तथा व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास से जुड़े केन्द्रों में कोरोना फ्लू के सम्बन्ध में लगाए गये पोस्टर, होर्डिंग आदि का निरीक्षण भी करें।
मुख्यमंत्री ने नेपाल से सटे जनपदों के प्रभार वाले राज्य मंत्रियों को निर्देशित किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि इन जनपदों में प्रत्येक चेक पोस्ट पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था प्रभावी ढंग से संचालित हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा एन0सी0आर0 में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। उन्होंने यह निर्देश भी दिये कि कोरोना के चलते कोई बड़े भीड़-भाड़ वाले आयोजन न किए जाएं। उन्होंने कहा कि कार्य की समीक्षा के बाद पत्रकार वार्ता अवश्य करें।
इस अवसर पर राज्य मंत्रिगण, अपर मुख्य सचिव सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।