लॉक डाउन को धता बता कर यूपी चला विकास के पथ पर- पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पुनः प्रारम्भ

 



  • यूपी के 55 जिले कोरोनाग्रस्त, कोरोना का नया ठिकाना बना मऊ, एटा, सुल्तानपुर 


मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। कोरोना वायरस के संबंध में अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी एवं प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने सोमवार को संयुक्त प्रेस में बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन के दूसरे चरण का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। जिन जिलों में 10 या उससे अधिक कोरोना के केस एक्टिव हैं उन जनपदों को लॉकडाउन में छूट नहीं दी जा सकती है। इसके अलावा सीएम योगी ने कोटा (राजस्थान) से आए छात्रों को 14 दिनों तक होम क्वारंटीन करने का निर्देश दिया है। सीएम योगी ने प्रदेश वासियों से अपील की है कि लॉकडाउन का सख्ती व गंभीरता से पालन करें। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण फिर से शुरू हो गया है। लॉकडाउन के दूसरे चरण की समीक्षा प्रतिदिन की जा रही है। उन्होंने बताया कि 20 अप्रैल से लॉकडाउन में छूट मिलनी शुरू हो गई है। इसके संबंध में सीएम योगी ने रविवार की शाम को अपने सरकारी आवास से प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों, मण्डल उपायुक्तों सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर स्थिति की समीक्षा की है। योगी ने यह निर्देश दिया कि स्थानीय परिस्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी खुद लॉकडाउन में छूट के संबंध में निर्णय लें और शासन को अवगत कराएं।उन्होंने अधिकारियों से कहा कि 19 ऐसे संवेदनशील जिले हैं, जहां 10 या उससे अधिक कोरोना पॉजिटिव केस हैं।वहां के जिलाधिकारी विशेष सजगता और सतर्कता बरतते हुए निर्णय लें।मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में कोई छूट लागू नहीं होगी। वहां सिर्फ मेडिकल, स्वच्छता और डोर स्टेप डिलीवरी की ही अनुमति है। साथ ही डोर स्टेप डिलीवरी में लगे कर्मियों की भी जांच कराने का निर्देश दिया है। अधिकारियों से स्पष्ट निर्देश दिया कि लॉकडाउन का शत-प्रतिशत पालन कराएं और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही व शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


योगी ने निर्देश दिया है कि सोशल डिस्टैन्सिंग और लॉकडाउन के मानकों का उल्लंघन किसी भी दशा में ना हो। जिला स्तर पर कुछ औद्योगिक गतिविधियों में छूट देने के संबंध में मंडलायुक्त, एडीजी, आइजी, डीआइजी, एसएसपी, एसपी, जिला उद्योग केंद्र के अधिकारी और उद्यमियों से संबंधित जनपद के जिलाधिकारी विचार-विमर्श कर लें। भीड़ व अराजकता की स्थिति न पैदा होने पाए। एक्सप्रेसवे, हाईवे और अन्य निर्माण के संबंध में भी स्थानीय स्तर पर ही जिला प्रशासन द्वारा तय किया जाए। पूर्वांचल, बुंदेलखंड और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण फिर से शुरू हो गया है। इन निर्माण में लगे मजदूरों की भी जांच कराने का आदेश सीएम योगी ने दिया है।  


अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कोटा से 10,500 से अधिक छात्रों को प्रदेश में लाया गया है। सभी बच्चों को 14 दिन का होम क्वारंटीन में रखने का अवश्य निर्देश दिया गया है।कोटा से यूपी में आने वाली बसों में सवार छात्रों की आगरा बस स्टेशन-झांसी डिपो पर रैपिड जांच कराई गई। उसके बाद वहां से यूपी के विभिन्न जिलों में पहुंचने वाली बसों में बच्चों को सवार कर उनके जनपद के लिए भेज दिया गया। उन जनपदों में भी छात्रों की चेकिंग के लिए एडीएम-सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में बनी जिले की टीम ने बच्चों का जांच करवाया गया। यह कार्य तीन दिनों से सावधानी पूर्वक किया जा रहा था। सभी बच्चों के मोबाइल नंबर ले लिए गए हैं। उनके मोबाइल में आरोग्य सेतू एप भी डाउनलोड करा दिया गया है। सीएम हेल्पलाइन से सभी बच्चों की निगरानी की जा रही है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में अबतक 1176 केस सामने आए हैं। जिनमें 1030 एक्टिव केस हैं और कोरोना से अबतक प्रदेश में 17 लोगों की मौत हो चुकी है। उपचार के बाद 1176 में से 108 मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं और उन्हें घर भेज दिया गया है। प्रदेश के 52 जनपद कोरोना से प्रभावित हैं। उन्होंने बताया कि तीन नए जिलों में कोरोना पॉजिटीव केस की पुष्टि हुई है। ये जिले मऊ, एटा और सुल्तानपुर है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि अबतक सामने आए कोरोना पॉजिटीव केसों में शून्य से 20 वर्ष वर्ग के 19.39 प्रतिशत, 21 से 40 वर्ष उम्र वर्ग के 48.04 प्रतिशत, 41 से 60 वर्ष उम्र वर्ग के 24.06 प्रतिशत और 60 से अधिक उम्र के 08.50 प्रतिशत संक्रमित शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कुल संक्रमित लोगों में 78 प्रतिशत पुरूष और 22 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं।